Tuesday, November 2, 2010

शादी के लड्डू कब खाये

शादी करने की सही उमर क्या होनी चाहिये ? सवाल दिखने में बडा आसान है, पर है बडा पैचीदा ।
वैसे तो बडे लोग कह गये हैं कि ये मोतीचूर नामक लड्डू की तरह है…जो खाकर पछताये जो ना खाये वो भी पछताये, लेकिन जब पछताना ही है, तो खाकर ही क्यों ना पछताया जाये, कम से कम ये पछतावा तो ना रहे कि एक बार चख ही लेते। आखिर आदम जो फल खाकर पछताया उसी के तो परिणाम स्वरूप दुनिया पछता रही है आज तक। इसलिये..शादी करनी है, ये अटल सत्य है, इसमें कोई दोराय नही..लेकिन कब करें ये बडा यक्ष प्रश्न है।

संविधान २१ कि उमर बोलता है, लेकिन २४-२५ तक पढाई से ही नही निपटते, उसके बाद २-३ साल नौकरी..थोडा पैसा । हमारी तरफ गांवों में आज भी १५-१६ में हो जाती है, आखातीज आने वाली है, तैयारियां चल ही रही होंगी, और सलमान खान ४० के हो गये अब तक नही की, याने सब का अपना अपना मापदंड है ।

दोपहर को खाना खाते समय मेरा मित्र रामा बोल पडा कि यार अब शादी कर लेनी चाहिये। मैने कहा क्यों…बोले यार अगर अब शादी कर लेंगे तो ५० की उम्र तक आते आते अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जायेंगे…या होने वाले होंगे। मैने कहा यार क्या गारंटी है। वैसे भी २५ साल बाद जमाना कितना बदल जायेगा, किसने देखा है?

मेरे एक अन्य ‘रूमी’ के इस मामले में अलग ही विचार हैं, उसका कहना है कि अपन ने टाइम लिमिट फिक्स कर ली है कि मुझे इस साल दिसम्बर में शादी करनी है, और ये मैने घर पे बता दिया है, अब या तो वो लोग दिसम्बर तक लडकी ढूंढ लें, या फिर मैं कोई जुगाड कर लूंगा।

ज्यादातर दोस्तों की राय है कि थोडा पैसा कमा लिया जाये, थोडा आजादी का सुख भोग लिया जाये…फिर बंधना तो है ही। वैसे सबसे सही पैमाना यही है, कि जैसे ही आपको कोई और किसी को आप पसंद आ जायें….कर ही लो। अब इस पैमाने का पहला हिस्सा तो अपने हाथ में है…दिक्कत भी नही है..लेकिन बाकी का ५०%…बहुत समस्या है भाई…

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